Print

आत्मा में और सच्‍चाई में आराधना करना

यदि आपको हर सप्ताह के अंत में चर्च जाने के आदत है तो होम चर्चिंग डराने वाली हो सकती है। हालांकि, चाहे आप एक छोटे समूह के साथ आराधना कर रहे हों, या केवल अपने परिवार के साथ, या अपने आप से, घर पर उपासना करते समय एक समृद्ध सब्बात के दिन का आशीर्वाद प्राप्त करना संभव है।

निकल जाओ

प्रकाशितवाक्य १८ में बाबेल को छोड़ने की एक स्पष्ट आदेश दर्ज है : “मेरी प्रजा! महानगरी में से निकल जाओ! कहीं ऐसा न हो कि तुम उसके पापों में भागीदार और उसकी विपत्तियों के शिकार बनो!" प्रकाशितवाक्य १८:४ (HINCLBSI) कोई भी विशेष समुदाय बची नहीं है। सारे समुदाय त्रटि द्वारा भ्रष्ट हुए हैं।

लेकिन यह एक समस्य प्रस्तुत करता है। चर्च की उपस्थिति उपासना का पर्याय बन गया है। तो, कहाँ (और कैसे!) विश्वासी को आराधना करना चाहिए?

आराधना एक क्रिया शब्द है। इस शब्द को कुछ इस तरह से परिभाषित किया गया है: "सम्मान करना, आराधना करना, महिमाना, आदरना।"1 यह शब्द इब्रानी शब्द शाखाह से आता है, जिसका अर्थ आराधना में झुकना या प्रणाम करना। "याहुवाह के सामने आराधना में आने के लिए साधारण रूप से उपयोग किया गया शब्द है।"2 यह ऐसी चीज़ है जिसे हर कोई अपने परिवार के साथ घर पर कर सकता है, या अपने आप, अकेले में भी कर सकते हैं। वास्तव में, सब्बात के दिन घर पर रहने के लिए बाइबिल आधारित श्रेष्ठता है!

निर्गमन १६ में, सीनै के पास व्यवस्था देने से पहले, याहुवाह ने मूसा से कहा: देखो, याहुवाह ने जो तुम को विश्राम का दिन दिया है, इसी कारण वह छठवें दिन को दो दिन का भोजन तुम्हें देता है; इसलिये तुम अपने अपने यहाँ बैठे रहना, सातवें दिन कोई अपने स्थान से बाहर न जाना।” अत: लोगों ने सातवें दिन विश्राम किया। (निर्गमन १६: २९-३०; HINDI-BSI) इस्रेएलियों, निवास स्थान के चारों ओर जाकर खड़े नहीं हुए थे, या हर सब्बात मूसा का उपदेश सुनने के लिए मिलापवाले तम्बू के पास इकट्ठे नहीं होते थे। बल्कि, हर परिवार अपने खुद के घरों में रह थे और वहीं से याहुवाह को आराधना की।

आप भी ऐसा कर सकते हैं।

घर में आराधना करना

उद्धार हमेशा एक व्यक्तिगत मामला रहा है नाकि समूह कार्य। घर पर आराधना करना याहुवाह को पूर्ण रूप से स्वीकार्य है और वास्तव में यह सच्ची उपासना की भावना के अनुरूप है। घर पर आराधना को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव बनाने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

अकेले आराधना करना

अकेले उपासना करोकई विश्वासी जो बाबेल को छोड़कर आते हैं, यह अकेले करने पर मजबूर हैं। जहाँ कहीं मेमना जाता है, उनके पीछे जाना एकान्त में चलना हो सकता है। अगर अपने आप को इस श्रेणी में पाते हैं, विश्वास रखिए कि आपकी स्तुति और आराधना याहुवाह द्वारा ऐसे स्वीकारा जाएगा जैसे कि इस पूरी दुनिया में कोई व्यक्ति ही न हो जिसके लिए वह अपना पुत्र दिया है। अपने सृष्टिकर्ता के साथ सार्थक समय बिताने के लिए, निम्न कार्य करने पर विचार करें :

परिवार के साथ आराधना करना

अगर आपका परिवार, आपके साथ बाबेल को छोड़ा है, तो वाकई आप आशीषित हैं। अपने परिवार के लिए सार्थक आराधना अनुभव प्रदान करने के विचार से अभिभूत न होइए। घर की आराधना उतनी ही सरल या जटिल हो सकती है जितनी आप इसे बनाना चाहते हैं,, लेकिन एक समृद्ध आशीर्वाद उन सभी की प्रतीक्षा कर रहा है जो याहुवाह के साथ समय बिताते हैं।

परिवारिक उपासना

दोस्तों के साथ आराधना करना

समान विचारधारा वाले विश्वासियों के समूह के साथ उपासना करने के बारे में कुछ खास है। हालांकि, ध्यान लेना कि आवश्यकता है, कि आराधना का अनुभव पूजा के एक शैलीबद्ध रूप में परिवर्तित न हो जाए जो बाबुल में छोड़े गए की नकल करता है।

तब यहोवा का भय माननेवालों ने आपस में बातें कीं,
और यहोवा ध्यान धरकर उनकी सुनता था;
और जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का सम्मान करते थे,
उनके स्मरण के निमित्त उसके सामने एक पुस्तक लिखी जाती थी।

सेनाओं का यहोवा यह कहता है,
“जो दिन मैं ने ठहराया है, उस दिन वे लोग मेरे वरन् मेरे निज भाग ठहरेंगे,
और मैं उन से ऐसी कोमलता करूँगा
जैसी कोई अपने सेवा करनेवाले पुत्र से करे। (मलाकी ३:१६-१७; HINDI-BSI)

छोटे बच्चे भी हफ्ते भर में याहुवाह के आशीषों कि अपनी गवाही को साझा करने में शामिल हो सकते हैं।

सच्ची उपासना केवल कुर्सियों के पंक्तियों में बैठकर एक व्यक्ति के उपदेश को सुनने से कहीं अधिक है (या होनी चाहिए)। प्रार्थना, गीत, और गवाही में पारस्परिक आराधना याहुवाह का सम्मान करता है और हृदयों को उसकी ओर खींचती है।

दोस्तों के साथ उपासना

घनी आशीर्वाद उन सब की इंतेज़ार करता है जो बाबेल को छोड़ने की आज्ञा को मानते हैं, चाहे अकेले ही ऐसा करना हो।

याहुवाह तुझे लगातार लिए चलेगा, और अकाल के समय तुझे तृप्‍त और तेरी हड्डियों को हरी भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता।

“यदि तू विश्रामदिन को अशुद्ध न करे अर्थात् मेरे उस पवित्र दिन में अपनी इच्छा पूरी करने का यत्न न करे, और विश्रामदिन को आनन्द का दिन और याहुवाह का पवित्र किया हुआ दिन समझकर माने; यदि तू उसका सम्मान करके उस दिन अपने मार्ग पर न चले, अपनी इच्छा पूरी न करे, और अपनी ही बातें न बोले,

तो तू याहुवाह के कारण सुखी होगा, और मैं तुझे देश के ऊँचे स्थानों पर चलने दूँगा, मैं तेरे मूलपुरुष याकूब के भाग की उपज में से तुझे खिलाऊँगा, क्योंकि यहोवा ही के मुख से यह वचन निकला है।” ( देखें यशायाह ५८:११, १३-१४; HINDI-BSI)


1 हिन्दी-अंग्रेज़ी शब्दकोश।

2 #७८१२, द न्यू स्ट्राँग्स एक्सपान्डेड डिक्शनरी ऑफ बाइबिल वार्डस , २००१ ed.