Why Russia?
Russia is the only modern country mentioned by name in the Old Testament. Today, its news permeates every media type due to the ongoing war in Ukraine. This war will end with a decisive win for Russia. We are not rooting for Russia. (We yearn for the return of Yahushua to Earth to put a decisive end to all wars and conflicts). But Yahuwah has a severe grievance to settle with Russia. He will execute His revenge against Russia before all the nations in the next war that Russia will wage. As Bible believers, we must follow current events hawkishly, as they are clear signs of the times, heralding the imminent establishment of Yahuwah's eternal kingdom on earth. Click here to learn more.
पवित्र लोगों की धीरज

मिस प्रिया चिंतित थी। अरुणा को घर ले जाने कोई नहीं आया था। उसकी माँ कहाँ थी? अपने दिमाग से सबसे खराब स्थिति के खायाल को पीछे धकेलते हुए, उसने नन्ही अरुणा के लिए शांत रहने की कोशिश की जैसे मिनट, घंटों में बदल गए। लेकिन छोटी अरुणा के पास विश्वास, भरोसा और धैर्य के बारे में मिस प्रिया को सिखाने के लिए एक बड़ा सबक था। पता करें कि यह क्या था!

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पापी की आशा: ये आदमी पापियों को स्वीकार करता है!

याहुवाह के पास आने के लिए आपको तब तक इंतजार करने कि जरूरत नहीं है जब आप पाप करना छोड़ दिया हो। अब ही आ जाइए। आप जैसे हैं वैसे ही, क्योंकि वह पापियों को स्वीकार करता है!

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क्यों बाइबिल पढ़ना महत्वपूर्ण है

सच में, याहुशुआ को उनके उपदेशों से अलग करना यह शैतान का प्रथम उद्देश्य है। हमें हमेशा चौकन्ना रहना चाहिए, हमेशा पवित्रशास्त्र से तुलना करते रहना कि जो हमें सिखाया जा रहा वह सच है या नहीं!

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उद्धार व्यक्तिगत उपहार है: समूह उपहार नहीं

उद्धार एक उपहार है, लेकिन उस उपहार को प्रत्येक व्यक्ति अपने लिए स्वीकार करना होगा। कोई भी व्यक्ति किसी और के लिए उद्धार स्वीकार नहीं कर सकता!

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याहुशुआ: हमारा महायाजक

याहुवाह के अनंत ज्ञान और असीम प्रेम ने एक योजना बनाई जिससे पापी मनुष्य को दिव्य कृपा में बहाल किया जा सके। इस योजना ने मानव जाति को शैतान के नियंत्रण से, और कानूनी छुडौती से भी कहीं ज्यादा ऊँचा उठाया। यह मानव आत्मा के अंदर दिव्य चरित्र की बहाली भी कहलायी जाता है। और यह वही काम है जिसे याहुशुआ अभी भी करने में लगा हुआ है।

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याहुवाह की मुहर

याहुवाह की मुहर धरती पर उपस्थित हर जीवित आत्मा के लिए एक बहुमूल्य उपहार है। जब याहुवाह के क्रोध का कटोरा (जो बिना कृपा का होगा) इस पापी और अपश्चातापी दुनिया पर उंडेला जाएगा तब सिर्फ याहुवाह की मुहर ही अनंत जीवन और जरूरी आत्मिक सुरक्षा दे सकती है।

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याहुशुआ : मेरे लिए उसका जीवन
यह सच कि याहुशुआ “जो हर एक पक्ष में हमारे समान ही परखे गए फिर भी निष्पाप ही रहे;” सब को प्रोत्साहित करता है कि हम भी जयवंत हो सकते जिस प्रकार से हमारे मसीह जयवंत हुए। पाप और शैतान की लड़ाई में याहुशुआ की निरंतर जीत का रहस्य उसके पिता की शक्ति पर उसकी लगातार निर्भरता में पाया गया। वह ऐसा कोई भी शक्ति का अभ्यास नहीं किया जो हम विश्वास के द्वारा नहीं कर सकते।
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यहुवाह की धार्मिकता को प्राप्त करना

यहुवाह की धार्मिकता कैसे प्राप्त करें: सुसमाचार के संदेश की एक बाईबल आधारित जाँच। और जो इसका सच्चा अर्थ होता है “विश्वास से चलना”।  

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शान्ति में विश्राम | मृत्यु के बाद क्या होता है?

मृत्यु प्रत्येक मनुष्य का भाग है, क्योंकि प्रत्येक मनुष्य ने पाप किया है. सृष्टिकर्ता, जिसके प्रेमी ह्रदय ने कभी यह नहीं चाहा की उसके बच्चे पाप में दुःख झेलें, उसी ने मृत्यु के समय क्या होता है की सभी शंकाओं को दूर कर दिया.

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सब्त भाग ४ – एकाकी उपासना

धर्मशास्त्र लोगों के एक बहुत ही अधिक विशेष समूह को प्रस्तुत करता है जो अपने सृष्टिकर्ता का आदर उसके पवित्र सब्त पर उसकी उपासना द्वारा करते हैं जबकि शेष संसार इसका तिरस्कार करता है.  इस बिंदु पर जल्द से जल्द आज्ञाकारिता पेश की जाती है, तौभी प्रत्येक को अकेला ही खड़ा रहना होता है. चूँकि सातवाँ दिन सब्त की गणना केवल प्राचीन चन्द्र-सौर कैलेन्डर के उपयोग के द्वारा ही की जा सकती है. यह पुरोहितों, पासतरों, दोस्तों और परिवार में एक समान नितांत अलोकप्रिय है.  वे सभी जो सृष्टिकर्ता के सब्त पर उसकी उपासना के दायित्व को अस्वीकार करते हैं, वे उनके विरुद्ध जो आज्ञापालन करते है उठ खड़े होंगे. यह हमेशा ही उनके जो यहुवाह की सेवा करते और नहीं करते के बीच होता है.

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सब्त: I भाग ३ – यहुवाह की मुहर

वे जिनके माथे पर यहुवाह की मुहर होगी वे आने वाले विनाश से बचाए जाएँगे. शैतान और यहुवाह के बीच युद्ध की शर्त पवित्र मुहर पाने वालों की सुरक्षा और जिनके पास नहीं है उनके विनाश की गारन्टी देता है.   

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सब्त | भाग २ – शाश्वत और युगानुयुग

सातवाँ दिन सब्त पवित्र व्यवस्था के रूप में सभी लोगों पर बन्धनकारी है. सारी आज्ञाओं में से कोई और आज्ञा प्राय: निर्भयता से नहीं तोड़ी जाती जैसे की चौथी आज्ञा. 

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सब्त भाग १ | याहुवाह का सारगर्भित व्यक्तित्व

याहुवाह की व्यवस्था उसके व्यक्तित्व, उसके अन्तरतम विचारों और भावनाओं की सम्पूर्ण प्रतिलिपी है. याहुवाह की व्यवस्था शाश्वत है. यह सर्वदा बनी रहेगी.

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यहुशुआ की धार्मिकता : पापियों की एकमात्र आशा

पूर्णतया समझी और ग्रहण की गई विश्वास के द्वारा धार्मिकता, पाप रहित जीवन है. जब यहुशुआ के रक्त को विश्वास के द्वारा ग्रहण किया जाता है तब आप उसके साथ क्रूस पर चढ़ाए जाते हैं. तब जैसे वह पुनर्जीवित हुआ वैसे ही विश्वासी आत्मा भी यहुशुआ के साथ नवीनता के जीवन में चलने के लिये पुनर्जीवित को जाती है. यह उसकी धार्मिकता में विश्वास के द्वारा होता है. यह मस्तिष्क की बौद्धिक समझ से कहीं अधिक है. यह एक अनुभव है. यही हमारी एकमात्र आशा है.  

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उद्धार का रहस्य

कभी कभी उपदेशों में कुछ शब्द और वचन पढ़े या सुने जाते है जो स्पष्ट रूप से समझ में नही आते.  विश्वास के द्वारा धार्मिकता एक ऐसा वचन है जो बहुतायत से प्रयोग किया जाता है पर कम समझा जाता है. उन सभी के लिए जो यहुवह के साथ अनन्त जीवन चाहते है यह अत्यंत आवश्यक है की उनको  विश्वास के द्वारा धार्मिकता क्या है इसकी स्पष्ट तथा ठीक ठीक जानकारी हो क्योकि केवल यही एक मार्ग है जिससे उद्धार पाया जा सकता है.  

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